कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना का इलाज किया जा रहा है। प्लाजमा थेरेपी के द्वारा इलाज का पहला चरण के नतीजे अच्छे दिखे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया की प्लाज्मा थेरेपी के लिए हमें सरकार से केवल एक ही अस्पताल के लिए मंजूरी मिली थी। जोकि लोक नायक हॉस्पिटल के लिए थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल के साथ आये डॉक्टर सरीन ने बताया कि हमने 4 संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव मरीजों प्लाजमा थेरेपी से इलाज किया। जिसमें 2 मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है एवं दो मरीजों को आईसीयू वार्ड से अब जनरल वार्ड में लाया गया है एवं उनकी हालत में सुधार हुआ है।
इसके साथ अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी के नतीजे अच्छे आए हैं लेकिन इसे कोरोनावायरस इलाज नहीं माना जाए एवं और प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी जाए।
प्लाजमा थेरेपी क्या है? | what is Plasma therapy in hindi?
आसान भाषा में आपको बता दें कि प्लाज्मा थेरेपी में एंटीबॉडी से मरीज का इलाज किया जाता है। जब किसी वायरस या बैक्टीरिया किसी व्यक्ति को हो जाता है तो हमारा शरीर उस को मारने के लिए एंटीबॉडी बनाता है। एवं एंटीबॉडी बनाकर उस वायरस को मार कर हमें उस से मुक्ति दिलाता है। एवं उस रूप से ठीक हुए मरीज से प्लाज्मा या एंटीबॉडी निकालकर ऐसे मरीज को दी जाती है जो उस वायरस से पीड़ित है। एवं वह एंटीबॉडी उसके शरीर में जाती है एवं वायरस को मारने में सफल या असफल हो सकती है। इसे ही प्लाज्मा थेरेपी कहते हैं।
जैसे कि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हो जाता है तो जाहिर है कि उसके शरीर में एंटीबॉडी बन गई हूं तो उसके शरीर से प्लाज्मा निकाल कर कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीज में डाली जाती है ऐसा ही दिल्ली 4 मरीजों पर किया गया है। जिनकी हालत में सुधार आया है।
प्लाज्मा थेरेपी कैसे काम करती है? | how to Work Plasma therapy in hindi?
डॉक्टर सरीन का कहना है कि कोरोनावायरस 3 स्टेज में संक्रमण करता है पहली स्टेज में वायरस शरीर में जाता है। दूसरी स्टेज में यह फेफड़ों तक पहुंचता है। और तीसरी स्टेज में यह शरीर के अंगों को खराब करता है। एवं मारने की कोशिश करता है जो कि यह बहुत खतरनाक स्टेज होती है।
डॉ० सरीन ने कहा कि प्लाजमा थेरेपी का उपयोग दूसरी स्टेज में किया जाता है। क्योंकि पहली स्टेज में कोई फायदा नहीं एवं तीसरी स्टेज यह काम नहीं करती है। आपको बता दें कि प्लाजमा थेरेपी मरीज को तीसरी स्टेज में पहुंचने से रोकती है।
अब हमारे सामने यह चुनौती आ जाती है की प्लाज्मा कहां से लाएं क्योंकि प्लाज्मा उन्हीं मरीजों से लिया जा सकता है जो इस वायरस से ठीक हो चुके हैं। तो सरकार इन्हीं से आग्रह करेगी कि अपना लाजमा डोनेट करें।
डॉक्टर सरीन ने बताया की प्लाज्मा थेरेपी में प्लाज्मा डोनेट करना ब्लड डोनेशन करने जैसा बिल्कुल नहीं है और इसमें 3 महीने तक इंतजार भी नहीं करना पड़ता है अगर आपने अभी प्लाज्मा डोनेट किया है तो आप इसे 10 दिन बाद फिर से डोनेट कर सकते हो एवं यह ज्यादा खर्चीला भी नहीं है।