नमस्कार आज के इस लेख में मैं आपको बताऊंगी कि आईयूडी डिवाइस क्या है IUD kya hai. अगर आप किसी गर्भनिरोधक के उपाय के बारे में सोच रही हैं तो आपके मन में विचार आ रहा है कि यूआईडी का इस्तेमाल किया जाए।
तो आज के इस लेख में मैं आपको यही बताने वाली हूं कि IUD Device क्या है? इसका उपयोग कैसे किया जाता है? इसके क्या फायदे व नुकसान है? और गर्भनिरोधक के रूप में यह कितना प्रभावी है? तो चलिए जानते हैं विस्तार से-
IUD Device क्या है- IUD kya hai
IUD डिवाइस अस्थाई गर्भनिरोधक विकल्प है। IUD का फुल फॉर्म Intrauterine Device होता है। यह प्लास्टिक से निर्मित एक T आकार का डिवाइस है जिसका उपयोग एक गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता है। इसको महिला के गर्भाशय में डालकर फिट किया जाता है जिससे यह शुक्राणु और अंडे के बीच होने वाले निषेचन को रोकता है और गर्भ ठहरने से रोकता है।
आईयूडी डिवाइस का इस्तेमाल करने से आप 3 वर्ष से लेकर लगातार 12 वर्षों तक गर्भनिरोधक के रूप में उपयोग कर सकती हैं। यह आपके गर्भाशय में केवल एक ही बार फिट किया जाता है। और यह लगातार 3 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक गर्व को रोक सकता है।
अगर आईयूडी डिवाइस का उपयोग सही ढंग से किया जाए तो केवल 1% ही गर्व ठहरने की आकांक्षा रहती है। यानी कि 99% सफलतम गर्भनिरोधक विकल्प है।
इस गर्भनिरोधक विकल्प की सलाह उनके लिए दी जाती है जिनका एक बच्चा हो चुका है एवं दूसरे बच्चे के बीच में तीन-चार साल का अंतराल देना चाहते हैं।
हां और आपको बता दूं कि आईयूडी डिवाइस एक अस्थाई गर्भनिरोधक के रूप में कार्य करता है आप इसे कभी भी हटवा सकती हैं और फिर से गर्भवती हो सकती हैं। नसबंदी की तरह एक स्थाई गर्भनिरोधक नहीं है।
और अगर इसकी कीमत की बात करें तो यह आपको परिवार नियोजन केंद्र में फ्री में भी लग सकती है लेकिन यहां आपको केवल copper-t ही लगाई जाएगी। और अगर आप प्राइवेट से लगवाना चाहती हैं तो यह आपको 500 से 1000 रुपए में लग जाएगी।
लेकिन आपको बता दूं कि यह यौन संक्रमण को नहीं रोकता है अगर आपको एवं संक्रमण का डर रहता है तो आप अपने पुरुष साथी को कंडोम इस्तेमाल करने की सलाह दे सकती हो और अगर पुरुष कंडोम इस्तेमाल नहीं करना चाहता तो आप महिला कंडोम का इस्तेमाल कर सकती हैं।
आईयूडी दो प्रकार की होती है वह है –
- हार्मोनल आई यू डी (Hormonal IUD)
- गैर हार्मोनल आई यू डी (Non-hormonal IUD)
चलिए जानते हैं इन दोनों प्रकार की IUD के बारे में विस्तार से-
1. हार्मोनल आईयूडी (Hormonal IUD)
तो मैं आपको बता दूं कि हार्मोनल आईयूडी एक छोटे T आकार की डिवाइस होती है जो की प्लास्टिक की होती है और इसमें एक सिलेंडर होता है जिसमें Progestogen नामक हार्मोन होता है। जैसे ही आप इस डिवाइस को लगवाती है तो यह अपना कार्य करने में लगभग 1 हफ्ते का समय लेता है 1 हफ्ते के बाद यह पूर्ण रूप से कार्य करने लगता है।
यह डिवाइस अपने सिलेंडर से Progestogen नामक हार्मोन रिलीज करता है जो कि आपके घर वालों से द्वार पर थक्का जमा देता है जिससे पुरुष के शुक्राणु गर्भाशय में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। हां और अगर आपको मासिक धर्म में अधिक दर्द और बिल्डिंग होती है तो इसमें यह बिल्डिंग और दर्द कम करने में भी बहुत सहायक होता है।
हार्मोनल आईयूडी का इस्तेमाल 3 वर्ष से लेकर 6 वर्ष तक किया जाता है एवं भारत में कई प्रकार की हार्मोन अल आईयूडी उपलब्ध है जिनमें से कुछ नाम निम्नलिखित है जो कि अधिक प्रचलित एवं प्रभावी हैं-
- Freedom 5
- Mirena
- Skyla
- Liletta
2. गैर-हार्मोनल आईयूडी (Non-hormonal IUD)
गैर-हार्मोनल आईयूडी को Copper-T और पैरागार्ड के नाम से भी जाना जाता है। यह भी एक प्लास्टिक का T आकार का डिवाइस है जिसके ऊपर कुछ क्वालिटी के कॉपर वायर को लपेटा जाता है।
Copper-t डिवाइस आपके मासिक धर्म की अवधि को भी प्रभावित नहीं करता है और इसका उपयोग अगर सही ढंग से किया जाए तो यह 12 वर्षों तक गर्भनिरोधक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। और इसकी खास बात यह है कि यह लगने के बाद ही तुरंत काम करना शुरू कर देता है। और अगर आपने 5 दिन पहले संभोग किया है और अगर आप को डर है कि गर्भ ना ठहरे जाए तो यह 5 दिन पहले के गर्भ को भी रोक देता है।
IUD लगाने की विधि – IUD insertion in hindi
अगर आप आईयूडी लगवाना चाहती हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना होगा वह डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री को चेक करेगा और कुछ जाचे करेगा। अगर जांचों में सब कुछ सही पाया गया तो वह आपको आईयूडी लगवाने की सलाह देगा।
इसके बाद किसी प्रशिक्षित डॉक्टर या नर्स आप के गर्भाशय में इसे फिट कर देंगे। फिट कर देने के दौरान आपको थोड़ा बहुत दर्द हो सकता है लेकिन कई महिलाएं सोचती होंगी कि बहुत दर्द होता होगा या फिर ऑपरेशन के द्वारा डाली जाती होगी तो ऐसा कुछ भी नहीं है यह आपके योनि द्वार के माध्यम से आपके गर्भाशय में फिट कर दी जाती है और दर्द ना के बराबर होता है।
अगर आप copper-t लगवाना चाहती हैं तो आप परिवार नियोजन सेंटर जा सकती है वहां पर आपको फ्री में यह लगा दी जाएगी।
आईयूडी निकालने की विधि – IUD removal in hindi
अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं या फिर आईयूडी का समय पूरा हो गया है और आप इसे बाहर निकलवा ना चाहती हैं तो इससे पहले आपको 7 दिन पहले ही एवं संबंध बनाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह जैसे ही हटाई जाती है तो इसके 5 दिनों तक गर्भवती होने की आकांक्षा होती है।
किसको निकालना बहुत ही आसान है इसको निकालने के लिए कोई भी प्रशिक्षित डॉक्टर या फिर नर्स इसमें लगे तार को खींचकर आसानी से बाहर निकाल देती है निकालते समय आपको थोड़ा बहुत दर्द हुआ बिल्डिंग हो सकती है लेकिन यह नॉर्मल है थोड़ी देर में ठीक हो जाता है। हां अगर अधिक बिल्डिंग होती है तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
आईयूडी लगवाने के फायदे- IUD Benifits in hindi
आईयूडी यह गर्भनिरोधक विकल्प में सबसे उपयुक्त विकल्प है। जिसे भारत में लगभग 6% महिलाएं अपनाते हैं आईयूडी लगवाने के फायदे निम्नलिखित हैं-
- सबसे पहला फायदा तो यह है कि यह एक स्थाई गर्भनिरोधक नहीं है यह अस्थाई गर्भनिरोधक है आप इसे हटवाकर कभी भी गर्भवती बन सकती हैं।
- अगर आप लंबे समय के लिए गर्व रोकना चाहते हैं तो इसके लिए यह सबसे अच्छा उपाय है क्योंकि इससे आप 3 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक गर्भ निरोधक के रूप में उपयोग कर सकती हैं।
- अगर आपको मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक बिल्डिंग और दर्द होता है तो आईयूडी आपके लिए बहुत ही उपयोगी है क्योंकि इसका इस्तेमाल करने से आपको बिल्डिंग हुआ दर्द कम होगा।
- अगर आप गर्भ रोकने (Pregnancy Control)लिए कोई भी गोली नहीं खाना चाहती हैं तो यह आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
- सबसे अच्छी बात तो यह है कि इसे एक बार लगवाने के बाद आप 5 साल तक फ्री है ना ही आप उसका कोई ध्यान रखना हो जिस प्रकार किसी गर्भनिरोधक गोली खाने का ध्यान रखना पड़ता है।
- यौन सुख प्राप्त करने में यह कोई भी रुकावट नहीं डालता है।
- और अगर आपको Copper-T लगवाती है तो उसमें ना कोई हारमोंस होता है जो कि आपके लिए नुकसान पहुंचाए।
आईयूडी लगवाने के नुकसान – IUD Side Effects in hindi
जन्म नियंत्रण (Birth control) विकल्प यह सबसे अच्छा विकल्प है लेकिन IUD की बहुत फायदे हैं लेकिन इसके साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं जो इस प्रकार-
- आईयूडी यौन संक्रमण को नहीं रोकता है एवं आपको संक्रमण हो सकता है।
- आईयूडी किट लगाते समय आपके गर्भाशय में छेद हो सकता है लेकिन ऐसा 1000 मामलों में एक बार होता है।
- वैसे तो आईयूडी का इस्तेमाल करने से प्रेगनेंसी ठहरने के 1% चांस होते हैं लेकिन आपको फैलोपियन ट्यूबों में गर्भ ठहर सकता है।
- और अगर आपको पार्टी लगवाती है तो आपको मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक दर्द और बिल्डिंग का सामना करना पड़ सकता है।
- कभी-कभी आईयूडी डिवाइस आपके गर्भाशय से बाहर आ जाती है। ऐसा लगभग 5% मामलों में होता है।
आईयूडी काम कैसे करती है – How does the IUD work in hindi
जैसा कि मैं आपको पहले ही बता चुकी हूं कि आईयूडी डिवाइस दो प्रकार की होती हैं। यह दोनों अलग-अलग प्रकार से गर्भनिरोध करती हैं।
हार्मोनल आईयूडी डिवाइस आपके घर वाले में हार्मोन छोड़ता है जो कि आप के गर्भाशय की मुंह पर थक्का जम आता है जिससे शुक्राणु गर्भाशय के अंदर प्रवेश नहीं कर पाते और इसी के साथ यह शुक्राणुओं को कमजोर करता है एवं गर्भाशय के अंदर की परत को भी गर्भ ठहरने के बाद आवरण से अलग बनाता है जिससे गर्भ ठहरने की आकांक्षा एक प्रतिशत ही रह जाती है।
इसी के साथ गैर-हार्मोनल की बात करें तो इसमें कॉपर का तार लपेटा जाता है जिससे कि कॉपर और शुक्राणु के आपस में नहीं बनती है जिससे यह कॉपर शुक्राणुओं को कमजोर कर देता है जिससे कि शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच पाती और निषेचन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाती है जिससे गर्भ नहीं ठहरता है।
तो यह थी आईयूडी के बारे में जानकारी आशा करती हूं कि आपको इस लेख में कुछ जानने को मिला होगा। लेकिन आप इसे पढ़कर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं आपको इसका इस्तेमाल अपने डॉक्टर से चला लेकर ही करना है हां और आप इस लेख को आप अपने फ्रेंड के साथ शेयर भी कर सकती हैं।
नोट- यह लेख केवल जानकारी के लिए लिखा गया है आप बिना किसी चिकित्सा के इसका इस्तेमाल करने के लिए हम प्रेरित नहीं करते आपके लिए इसका इस्तेमाल करना है या नहीं करना है यह केवल आप अपने डॉक्टर से ही सलाह लें यह लेख केवल जानकारी के लिए है।Team Janyukti.