![]() |
Chandrayaan-2 |
इसके साथ ही रविवार को इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा है कि देखकर लगता है कि विक्रम लैंडर जाकर चांद की सतह से टकरा गया है। इसके साथ उन्होंने यह भी स्वीकार कर लिया है कि विक्रम लैंडर की प्लान की गई लैंडिंग सॉफ्ट नहीं रही। उन्होंने न्यूज एजेंसी PTI से कहा है, “हां, हमने चांद की सतह पर लैंडर को ढूंढ लिया है। यह जरूर चांद की सतह पर तेजी से गिरा होगा।
इसके बाद जब इसरो चीफ के सिवन से पूछा गया कि क्या तेजी से चांद से टकराने के चलते लैंडर को नुकसान पहुंचा है, जिस पर सिवन ने कहा है कि वे अभी इस बात को नहीं जानते हैं। लेकिन कई अंतरिक्ष जानकारों का कहना है कि तेजी से चांद से टकराने के चलते विक्रम लैंडर को हुए नुकसान की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
कुछ अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है, “ऐसा हो सकता है कि लैंडर ने एक निर्धारित गति से चांद पर लैंडिंग न की हो या उसने चारों पैरों पर लैंडिंग न की हो। जिसके चलते उसे झटका लगा हो और नुकसान पहुंचा हो।
![]() |
ANI KA TWITTE |
लैंडर के अंदर ही है रोवर ‘प्रज्ञान’
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रोवर प्रज्ञान अभी भी लैंडर के अंदर है। यह बात चंद्रयान-2 के ऑनबोर्ड कैमरे के जरिए खींची गई लैंडर की तस्वीर को देखकर पता चलती है। साथ ही इसरो ने यह भी बताया कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर जो कि पूरी तरह से स्वस्थ, सुरक्षित और सही तरह से काम कर रहा है, चंद्रमा के चक्कर लगातार लगा रहा है।
इससे पहले बेंगलुरू स्थित इसरो के हेडक्वार्टर की ओर से यह बयान भी जारी किया गया था कि ऑर्बिटर का कैमरा सबसे ज्यादा रिजोल्यूशन वाला (0.3m) कैमरा है। जो अभी तक किसी भी चंद्र मिशन में इस्तेमाल हुए कैमरे से ज्यादा अच्छी रिजोल्यूशन वाली तस्वीर खींच सकता है। यह तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय विज्ञान समुदाय के लिए बहुत ज्यादा काम की हो सकती हैं।